उपखंड तथा तहसीलदार ने जूस पिलाकर तोड़वाया बर्खास्त पटवारी का अनशन
तत्काल हटाए जाएंगे बाबू मुनींद्र मिश्रा, अन्य कईयों के खिलाफ होगी जांच, बर्खास्त पटवारी को भी मिलेगा न्याय
सिंगरौली/देवसर करीब 10 वर्षों से न्याय की गुहार लगा रहे बर्खास्त पटवारी हरिशंकर शुक्ला सोमवार 14 नवंबर को एसडीएम कार्यालय के पीछे अनशन पर बैठे थे, अनशन पर बैठते ही स्थानीय प्रशासन इस मसले को गंभीरता से लिया और पहले ही दिन अनशनरत बर्खास्त पटवारी को जूस पिलाकर अनशन तुड़वा दिया गया, अनशन तुड़वाने गए अधिकारियों के साथ वरिष्ठ समाजसेवी एवं जनपद सदस्य पति घनश्याम पाठक, समाजसेवी कालीचरण चतुर्वेदी, एवं अधिवक्ता श्री नाथ पाठक सहित अन्य कई समाजसेवी मौजूद रहे,उपखंड अधिकारी तथा तहसीलदार ने अनशन पर बैठे बर्खास्त पटवारी को आश्वासन देते हुए कहा कि अतिशीघ्र निष्पक्ष जांच की जाएगी तथा जांच के दौरान दोषी पाए जाने वाले अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी वही पीड़ित पटवारी के ऊपर की गई कार्यवाही के संबंध में भी एसडीएम तथा तहसीलदार ने निष्पक्ष जांच करने का आश्वासन दिया है एसडीएम ने कहा कि निष्पक्ष जांच कर निर्दोष पाए जाने की स्थिति में तत्काल बहाल कर दिया जाएगा, उल्लेखनीय है कि देवसर के कटौली निवासी पटवारी हरिशंकर शुक्ला करीब 10 वर्षों से बर्खास्त चल रहे हैं उनका आरोप है कि तहसील देवसर के जिम्मेदारों ने उन्हें गलत तरीके से बर्खास्त किया है इस कार्यवाही में कई लोग शामिल थे जिनके खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी जबकि करीब 10 वर्ष से शिकायत की जा रही है लेकिन आज तक उन्हें न्याय नहीं मिला है फिलहाल सोमवार को अनशन पर बैठे पीड़ित पटवारी ने एसडीएम तथा तहसीलदार के आश्वासन के बाद अनशन तोड़ते समय ज्ञापन दिया, ज्ञापन में बिंदुवार मांग की गई है प्रमुख रूप से पटवारी हरिशंकर शुक्ला को जिस आरोप की वजह से तत्कालीन अधिकारियों ने बर्खास्त किया था उस आरोप की निष्पक्ष जांच हो बताया गया कि यदि निष्पक्ष जांच होगी तो पटवारी निर्दोष पाए जाएंगे तथा कईयों के ऊपर गाज गिर सकती है क्योंकि जिस गलती की सजा पटवारी 10 वर्षों से भुगत रहे हैं वह गलती पटवारी श्री शुक्ला नहीं किए हैं बल्कि वह गलती तहसील कार्यालय में सक्रिय एक गिरोह ने किया था लेकिन अपना दोष बेगुनाह पटवारी के ऊपर मढ कर खुद मलाई काट रहे हैं और पटवारी को बलि का बकरा बना दिया गया, ज्ञात हो कि तहसील तथा उपखंड कार्यालय में आज भी कई बाबू जमे हुए हैं जो उस समय पदस्थ थे जब पटवारी को बर्खास्त किया गया था और इन बाबुओं का बहुत पहले देवसर से अन्यत्र स्थानांतरण हो चुका था लेकिन स्थानांतरण के बाद भी बाबू जमे हुए हैं प्रमुख रूप से बाबू मुनेंद्र मिश्रा के ऊपर इस तरह के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं बताते हैं कि उनका कई बार यहां से स्थानांतरण हुआ लेकिन देवसर कार्यालय में आज भी जमे हुए हैं, फिलहाल अनशन पर बैठे बर्खास्त पटवारी हरिशंकर शुक्ला को एसडीएम तथा तहसीलदार ने जूस पिलाकर पहले ही दिन अनशन तुड़वा कर उन्हें न्याय देने का आश्वासन दिया है, वहीं अनशन रथ पीड़ित पटवारी ने कहा कि दस दिन के अंदर समय से न्याय नहीं मिला तो आगे भूख हड़ताल किया जाएगा।
अधिकारियों और कर्मचारियों ने लिए अनुचित लाभ
अनशन की समाप्ति के बाद हरिशंकर शुक्ला ने एसडीएम विकास सिंह को ज्ञापन भी सौंपा।
जिसमें उन्होंने उपखंड कार्यालय में ढाई दशक से पदस्थ बाबू मुनेंद्र मिश्रा को स्थानांतरण के बाद भी रिलीव ना करने पर ध्यान दिलाते हुए उन्हें रिलीव करने की माग की है इसके अलावा वर्ष 2011-12 में तत्कालीन एसडीएम आरपी त्रिपाठी पर कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाने भू माफिया के राजस्व प्रकरणों की रजिस्टर धारा पंजी में हेरफेर करने सेवानिवृत्त तहसीलदार उपेंद्र सिंह द्वारा विभिन्न ग्रामों में बिना ठोस आधार के शासकीय भूमि अपने परिजनों के नाम करने अपने भाई के नाम से कर्री गांव में 25 एकड़ भूमि कराने के साथ साथ कंपनियों के आसपास फर्जीवाड़े से भूमि क्रय व फर्जी मकान अंकित कर लाभ लेने का आरोप लगा है।