*चीन भी बोला तालिबानी सुर, अफगानिस्तान में अपने नागरिकों से कहा- इस्लामी रिवाज मानें, श्रीलंका भी इसी राह पर*
अफगानिस्तान पर तालिबान को कब्जा जमाए हुए 6 दिन बीत चुके हैं. राजधानी काबुल को कब्जाते ही पूरे देश में हिंसक घटनाएं शुरू हो गई हैं. तालिबानी लड़ाकों से बचते हुए लोग अपनी जान बचाने के लिए जल्द-से-जल्द अफगानिस्तान छोड़ देने के लिए एयरपोर्ट की ओर रुख कर रहे हैं. हालांकि, इन सब से बेफिक्र तालिबान का दोस्त चीन उससे नजदीकी बढ़ाने में लगा हुआ है. तालिबान के समर्थन में कई तरह के बयान देने के बाद अब चीन ने अफगानिस्तान में रह रहे अपने नागरिकों के लिए एडइवाजरी जारी की है. चीन ने नागरिकों से इस्लामी रीति-रिवाजों को अपनाने के लिए कहा है.
अफगानिस्तान में चीनी दूतावास ने वहां के चीनी नागरिकों से इस्लामी रीति-रिवाजों को मानने के लिए कहा है और उसी के अनुसार कपड़े पहनने और सार्वजनिक स्थानों में डाइनिंग की भी बात कही है. चीन ने इन रिवाजों का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया है. वहीं, दूतावास ने चीनी नागरिकों से काबुल एयरपोर्ट और अराजक स्थलों से दूरी बनाने के लिए कहा है. वहीं, अफगानिस्तान में अमेरिकी दूतावास ने भी काबुल एयरपोर्ट के बाहर संभावित सुरक्षा खतरों की चेतावनी जारी की है. दूतावास ने कहा है कि हम अमेरिकी नागरिकों को एयरपोर्ट की यात्रा से बचने और की सलाह देते हैं.
वहीं श्रीलंका की तरफ से तालिबान को लेकर दिए गए बयान में लगभग वैसी ही बातें बोली गई हैं जो कि पाकिस्तान पहले ही कह चुका है. श्रीलंका ने तालिबान के बदले रूप का स्वागत किया है. आगे उम्मीद जताई गई है कि तालिबान अपने किए हुए वादों पर टिकेगा. एक न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक, श्रीलंका ने उम्मीद जताई कि तालिबान अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद अब आम-माफी देने, महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने और किसी भी विदेशी को नुकसान नहीं पहुंचाने के अपने वादों पर कायम रहेगा.