संपादकीय
भोपाल/प्राप्त जानकारी अनुसार मध्य प्रदेश में संघ के नियंत्रण वाली भाजपा की शिवराज सरकार जब मनुवादी नीतियों को लागू कर रही है तो उसके निशाने पर आदिवासी ही नहीं, दलित भी हैं। अगर सीधी में भाजपा नेता आदिवासी के चेहरे पर पेशाब करता है तो सागर जिले के गांव सेमरा में सामूहिक भंडारे से दलितों को फेंक कर प्रसाद दिया जाता है और प्रतिकार करने पर उन्हें गोलियों से नवाजा जाता है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी कर कहा है कि यह घटना 4 जुलाई को घटित हुई, जब गांव के राम जानकी मंदिर में भंडारे के लिए दलितों सहित पूरे गांव से खाद्यान और अन्य सामग्री एकत्रित की गई। निर्धारित समय पर गांव के दलित भी भंडारे में भोजन करने पहुंचे तो उन्हें हाथों पर भोजन परोसने की बजाय फेंक कर दिया गया। यह व्यवहार सिर्फ दलित पुरुषों के साथ ही नहीं, बल्कि दलित महिलाओं के साथ भी किया गया। जब दलितों ने इसका विरोध किया तो गांव के दबंगों ने उन्हें भंडारे से उठ कर चले जाने के साथ ही औकात में रहने की चेतावनी देते हुए जातिगत गालियां भी दी।
माकपा नेता ने कहा है कि पीड़ितों की ओर से इस घटना की रिपोर्ट भी अमादरा पुलिस थाने में दर्ज करवाई गई है। रिपोर्ट के अनुसार दबंगों की ओर से यह र्दुव्यवहार पिछले तीन चार साल से किया जा रहा है, मगर भाजपा प्रशासन दबंगों पर कार्यवाही करने की बजाय मनुवादी प्रवृत्तियों को ही प्रोत्साहन दे रहा है।
जसविंदर सिंह ने कहा है कि भलें ही पीडि़त द्वारा नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है, मगर इसके बाद भी अपराधियों पर कार्यवाही न करने से दलित समुदाय में असुरक्षा की भावना फैल रही है, उन्हें आशंका है कि रिपोर्ट से चिढक़र दबंग उन पर हमला भी कर सकते हैं।
माकपा ने दलितों की सुरक्षा के साथ ही पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देने और अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है