दवा व्यवसाई द्वारा मीडिया कर्मियों पर लगाए गए आरोपों के खिलाफ लामबंद हुए जिले के पत्रकार
जिले भर के पत्रकारों ने अन्याय के खिलाफ भरी हुंकार, निजी होटल में हुई गोष्ठी
रिपोर्ट/ दीपक कुमार
रायबरेली – दवा व्यवसाई द्वारा मीडिया पर लगाए गए बेबुनियाद आरोपों के विरोध में जिले के सैकड़ों पत्रकारों ने एकजुट होकर एक निजी होटल में गोष्ठी की। सभी पत्रकारों ने एक स्वर में इस तरह के आरोपों को अस्वीकार्य बताते हुए कड़ी निंदा की।
वरिष्ठ पत्रकार गौरव अवस्थी ने कहा, “यह पत्रकारिता और कलम की स्वतंत्रता को दबाने का प्रयास है। यदि किसी पत्रकार पर आरोप है, तो कानूनी तरीके से साक्ष्य प्रस्तुत किए जाएं। यदि व्यवसाई गलत है, तो उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।”
पत्रकार ओम प्रकाश मिश्र ने कहा, “मीडिया की आवाज को दबाने की कोशिश किसी भी कीमत पर सफल नहीं होगी। हम सभी इसका विरोध करेंगे।”
पत्रकार अनुज अवस्थी ने कहा, “आरोप लगाने से पहले साक्ष्य और तथ्य स्पष्ट होने चाहिए। अन्यथा, इसके गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।”
घटना की पृष्ठभूमि में, कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक मेडिकल व्यवसायी का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह 500 रुपये के नोटों के कई बंडल एक कार्टन में रखते हुए दिखाई दे रहे थे। इस वीडियो के आधार पर मीडिया ने खबर प्रकाशित की, जिसके बाद पुलिस उपाधीक्षक अमित सिंह ने मामले की जांच का आदेश दिया।
इससे नाराज व्यवसायी ने एक वरिष्ठ पत्रकार रोहित मिश्रा सहित मीडिया पर आधारहीन और तथ्यहीन आरोप लगाए। इन आरोपों के खिलाफ जिले के सभी पत्रकार लामबंद हो गए। उन्होंने मांग की कि व्यवसायी या तो अपने आरोप सिद्ध करें या सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।
प्रमुख पत्रकारों की उपस्थिति में हुआ विरोध
गोष्ठी में प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रेम नारायण द्विवेदी, मीडिया क्लब अध्यक्ष अजीत सिंह, अखिल भारतीय प्रेस संगठन अध्यक्ष पंकज सिंह, संजय मौर्य, शिव प्रसाद यादव, दुर्गेश मिश्र, आरपी सिंह, शैलेन्द्र सिंह, मनीष अवस्थी, और अन्य प्रमुख पत्रकार उपस्थित रहे।
उच्चाधिकारियों से की मुलाकात
गोष्ठी के बाद पत्रकारों ने पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह और जिलाधिकारी हर्षिता माथुर से मुलाकात की। अधिकारियों ने मामले में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद पत्रकार शांत हुए। इस मौके पर जिले के सभी वरिष्ठ और युवा पत्रकार उपस्थित रहे।