पत्रकार उमेश भारद्वाज और निशांत भारद्वाज भी संदेह के घेरे में अधिशासी अधिकारी के भड़ाना नगरपालिका खोडा के साथ मिलकर अवैध वसूली का आरोप

पत्रकार उमेश भारद्वाज और निशांत भारद्वाज भी संदेह के घेरे में अधिशासी अधिकारी के भड़ाना नगरपालिका खोडा के साथ मिलकर अवैध वसूली का आरोप

 

गाजियाबाद! प्राप्त सूचनाओं के आधार पर श्रीमती लोकेश राणा पत्नी जोगेन्दर सिंह राणा निवासी आर सी 275 राजीव विहार खोडा द्वारा श्रीमान लोक आयुक्त महोदय लखनऊ उत्तर प्रदेश को दिये एक पत्र में लिखा है कि जब वह खोडा में अपने भवन का प्लस्तर करा रही थी तब E.O. खोडा नगर पालिका के के भड़ाना द्वारा दिनांक 28/8/2019 को अवैध निर्माण का नोटिस दिया गया था जिसमें पन्द्रह दिन में जवाब दाख़िल करने के लिए कहा गया था नोटिस उपरांत प्लस्तर का कार्य बन्द कर दिया गया। के के भड़ाना द्वारा पन्द्रह दिन का इन्तजार किये बगैर प्राइवेट आदमी जय भगवान शर्मा व पवन कुमार को भेजकर दिनांक 6/9/2019 को भवन को जबरन सील करवा दिया।

सील खोलने व प्लस्तर कराने के एवज में के के भड़ाना द्वारा पत्रकार उमेश भारद्वाज और निशांत भारद्वाज दोनों भाइयों को भेजकर श्रीमती लोकेश राणा से दो लाख रुपये की मांग की गई पैसे ना देने पर चैनल में राणा बिल्डर के नाम से गलत खबर चलाने व कभी भी प्लस्तर ना होने की धमकी दी। लोकेश राणा द्वारा एक आरोप यह भी लगाया गया है कि के के भड़ाना एवं उमेश भारद्वाज द्वारा खुला सरंक्षण देकर एवं मोटी रिश्वत लेकर पांच से सात मंजिला भवनों का निर्माण कराया गया है और कराया जा रहा है।

श्रीमती लोकेश राणा द्वारा दिये गये उपरोक्त पत्र में स्पष्ट लिखा है कि के के भड़ाना द्वारा एक बार ही नहीं फिर दोबारा उमेश भारद्वाज को लोकेश राणा के घर भेजकर फिर से एक लाख रुपये की मांग की गई जिसका स्टिंग कर चैनल पर दिखाया गया स्टिंग को सही मानते हुए चैनल द्वारा निशांत भारद्वाज को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया। इस बात से रंजिश मानते हुए के के भड़ाना द्वारा लोकेश राणा को कभी-कभी कार्यालय बुलाकर कभी भी मकान का प्लस्तर नहीं होने की धमकी भी दी जाती है।

उपरोक्त प्रकरण कितना सही है या गलत ये तो आरोप लगाने वाली श्रीमती लोकेश राणा ही जाने परन्तु सवाल यह उठता है कि के के भड़ाना द्वारा उपरोक्त पत्रकारों के साथ मिलकर अवैध वसूली करते हैं या करवाते है एवं दूसरी ओर के के भड़ाना द्वारा थाना खोडा में पत्रकारों पर अवैध उगाही का आरोप लगाकर पराथमिकी दर्ज कराई गई है। कहीं ऐसा तो नहीं कि के के भड़ाना पत्रकारों की आड़ में अपने दोषों को छुपा रहे हैं। जांच का विषय है।

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Author: Bureau Report