परमात्मा का ज्ञान प्राप्त होता है, तब हमारे मन के भ्रम दूर हो जाते हैं
रिपोर्ट/दीपक कुमार
जगतपुर, रायबरेली – संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को सत्संग का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता महात्मा बसंत लाल ने की।
महात्मा बसंत लाल ने कहा कि भक्ति की शुरुआत प्रभु परमात्मा के ज्ञान से ही होती है। जिसकी भक्ति हम कर रहे हैं, उसका ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है। जब तक हमें प्रभु परमात्मा का ज्ञान नहीं होता, तब तक हमारा जीवन एक भ्रम में बीतता है।
हम भले ही शरीर रूप से अलग-अलग हों, लेकिन सभी में जड़ और चेतन का रूप है। संसार को चलाने वाली शक्ति एक ही है, जो सभी में समान रूप से व्याप्त है। आत्मा, जो परमात्मा का अंश है, वह भी सभी में एक समान है और अलग नहीं है।
जब परमात्मा का ज्ञान प्राप्त होता है, तब हमारे मन के भ्रम दूर हो जाते हैं। यह समझ आ जाती है कि परमात्मा एक है और आत्मा भी एक है। जीवन में परमात्मा का अनुभव प्राप्त करके, हर किसी में प्रभु को देखकर, प्रेम और एकता से अपने जीवन को सुंदर बनाया जा सकता है।
इस अवसर पर राम सुमेर, बाबूलाल, राम सजीवन, शिव मूर्ति, रूपेश, राकेश, विजय बहादुर, विजय कुमार, राम विशाल सहित कई श्रद्धालु उपस्थित रहे।