बरसात के बाद पशुओं का रखें खास ख्याल: डॉ. दिलीप कुमार
रिपोर्ट/ दीपक कुमार
जगतपुर रायबरेली – राजकीय पशु चिकित्सालय जगतपुर में तैनात डॉक्टर दिलीप कुमार ने बताया है कि बरसात के मौसम के बाद पालतू पशुओं का खास ख्याल रखना आवश्यक है, क्योंकि इस मौसम में उनके पेट में कीड़े हो जाते हैं, जो उन्हें काफी नुकसान पहुंचाते हैं। इससे दुधारू पशुओं में दूध का उत्पादन घट जाता है और मादा पशुओं की प्रजनन क्षमता भी कम हो जाती है। मुख्य कारण पेट में पलने वाले कृमि होते हैं, जिनकी दवा देना जरूरी है।
आमतौर पर अप्रैल से जून के महीने में कृमियों का प्रजनन काल होता है, इसलिए जून माह में पशुओं को कृमि नाशक दवा दी जानी चाहिए। इसके बाद अक्टूबर में भी यह दवा दी जानी चाहिए, क्योंकि जुलाई-अगस्त में पशु बरसाती पानी पीते हैं और हरी घास खाते हैं, जिससे बरसाती कीड़े उनके पेट में जाकर खून चूसने लगते हैं। अक्टूबर में दवा देने से ये कीड़े मर जाते हैं।
इसके अलावा, नवंबर, दिसंबर और जनवरी के महीनों में रिजिका, बरसीम और सरसों जैसे हरे चारे खिलाए जाते हैं, जिससे फिर से कृमि पशुओं के पेट में प्रवेश कर सकते हैं। इनके निदान के लिए फरवरी में कृमि नाशक दवा दी जानी चाहिए। इस प्रकार समय-समय पर दवा खिलाने से पशु स्वस्थ रहते हैं।