मानव की कद्र करें दिल से, मानवता खिल उठे फिर से
रिपोर्ट/जितेंद्र कुमार
जगतपुर रायबरेली – सन्त निरंकारी सत्संग भवन, जगतपुर में सुबह का सत्संग कार्यक्रम आयोजित हुआ। सत्संग की अध्यक्षता करते हुए महात्मा रमेश चन्द्र जी ने कहा, “भक्त यही भगवान के आगे करता है अरदास सदा, तुझ पर ही विश्वास टिका हो रहे तेरा एहसास सदा। कृपा करो कि जुड़ी हमेशा तुझसे मन की तार रहे, कहे हरदेव सदा हे दाता तेरा ही आधार रहे।”
सन्त भगत अपने जीवन का आधार एक ही ईश्वर, प्रभु परमात्मा को मानते हुए जीवन जीते हैं। वे दुनियावी रंगों से प्रभावित नहीं होते और एक भक्ति के रंग में रंगकर सांसारिक वस्तुओं का निर्लिप्त भाव से आनंद लेते हैं। वे परमात्मा से यह अरदास करते हैं कि उनका मन, जो अत्यधिक चंचल है, कहीं भटक न जाए। उनका विश्वास परमात्मा पर अडोल बना रहे। जब परमात्मा का एहसास जीवन में बना रहता है, तो भक्ति भी सहज हो जाती है।
एक नूर की उपज है सारी, एक का शक्ल पसारा है—इस भावना के साथ जब हम हर एक मानव में प्रभु परमात्मा का नूर देखते हैं, तो हम सभी से प्रेम करते हैं और किसी से कोई भेदभाव नहीं रखते। सन्तजन सदैव मानवता को निखारने का कार्य करते आए हैं और आज भी मानवता से युक्त होकर जीवन जीने की प्रेरणा दे रहे हैं।
इस मौके पर ब्रांच प्रबन्धक ज्ञान प्रचारक महात्मा बसन्त लाल, राम लखन, रज्जन, संजय कुमार श्रीवास्तव, पवन कुमार, हरिकेश, बसन्त सिंह, रुपेश, बहन वंदना, ऊषा देवी, कर्मावती, रजनी आदि संगत में मौजूद रहे।