मिड्डेमिल का भोजन लिए सड़क पर खाते घूम रहे प्राथमिक विद्यालय के बच्चे, निरंकुश हो गप्पेबाजी में बैठे शिक्षक,
सलोन रायबरेली,
सरकार द्वारा लगभग लाखों रुपए पाने वाला शिक्षक आज देश के प्रदेश के, जनपद के, विकासखंड के भावी भविष्य बनने वाले बच्चों को क्या और कैसे शिक्षा दे रहे हैं ये जानने और समझने के लिए आप को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के लाडले शिक्षकों की ओर ध्यान देना होगा तो आइए आप लोगों ले चलते हैं उत्तर प्रदेश में जनपद रायबरेली में विकास क्षेत्र सलोन प्राथमिक विद्यालय उसरी जो कि न्याय पंचायत बरवलिया में पड़ता है इस प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की निरंकुशता देखते बनती है मध्यान्ह भोजन (मिड्डेमिल)कराने में बच्चों को जैसे तैसे थाली में भोजन तो परोस दिया जाता है किन्तु उन्हें अच्छे से निगरानी में भोजन नहीं कराया जाता बच्चों को थाली में खिचड़ी (तहरी) दे कर विद्यालय परिसर से जानवरों की तरह बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है उसरी गांव में नहर किनारे बना यह प्राथमिक विद्यालय शिक्षकों की निरंकुशता को साफ साफ दर्शाता दिख रहा है थाली में भोजन दे कर बच्चों को नहर में पानी पीने के लिए भेज दिया जाता है,
कहावत है कि चुल्लू भर पानी में डूब मरो -शर्म तो तब आती है कि जिनके बच्चे इन सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे हैं सब कुछ निशुल्क होने के बावजूद माता पिता और आसपास उपस्थित लोग अंधे बने रहते हैं कोई भी यह नहीं पूछता कि मास्टर साहब ये कैसी शिक्षा दे रहे हैं बच्चों को इंसान की जगह जानवर क्यों बना रहे हो आज कल स्वार्थ इस दौर में सभी अंधे हो चुके हैं अगर किसी ने गलत के खिलाफ आवाज उठाई तो वह सबसे बड़ा दुश्मन कहा जाने लगता है
यही नहीं प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक जब मन कहता है तब समय बेसमय आते और चले जाते हैं अगर किसी ने हिम्मत जुटाकर इन कृत्यों की शिकायत भी कर दी तो ऊपर चोर चोर मौसेरे भाई साहब ही तो बैठे हैं फिर क्या होता है आगे आप सभी समझदार हैं,