मुख्य सचिव ने राज्य स्तरीय फाउन्डेशनल लिटरेसी एण्ड न्यूमरेसी कार्यशाला का दीप प्रज्ज्वलित कर किया शुभारंभ ।
रिपोर्ट, राघवेन्द्र शुक्ल
दिनांकः 01 फरवरी,लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने समग्र शिक्षा द्वारा सेन्ट्रल स्क्वायर फाउन्डेशन के तत्वावधान में राज्य स्तरीय फाउन्डेशनल लिटरेसी एण्ड न्यूमरेसी (एफ०एल०एन०) कार्यशाला का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में संचालित आपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत विगत 5 वर्षों में विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं में ऐतिहासिक रूप से सुधार हुआ है तथा इसके साथ ही छात्रों के लिए आकर्षक लर्निंग मेटीरियल उपलब्ध कराया गया है। अब सम्पूर्ण ध्यान शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने पर दिये जाने की आवश्यकता है। विभाग द्वारा निपुण कार्यक्रम के अन्तर्गत सुनियोजित गतिविधियां संचालित की जा रही हैं जिसमें सभी अधिकारी एवं अध्यापकगण मनोयोग से कार्य कर रहे हैं, जिसे उत्कृष्टता की ओर ले जाने हेतु प्रयत्न किये जायें।
उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 लागू की गयी है, जिसमें छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण संकल्पनाएं रखी गयी हैं। हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजते हुए 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने हेतु छात्र-छात्राओं को तैयार करना है।
उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए इस बात पर बल दिया कि समुदाय को शिक्षा से बहुत आकांक्षाएं हैं और अपने बच्चों की शैक्षिक प्रगति एवं जीवन में उच्च स्थान प्राप्त करने की महत्वाकांक्षा रखते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में जो नवाचार हो रहे हैं और निरन्तर प्रगति हो रही है उसे अनवरत बनाये रखने हेतु स्थानीय समुदाय को शिक्षा से जोड़ा जाना नितान्त आवश्यक है ताकि नवाचारी कार्यक्रम संस्थागत रूप से स्थायी स्वरूप ग्रहण कर सकें।
उन्होंने शिक्षा के साथ ही स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की अपेक्षा की, ताकि माननीय प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत की संकल्पना को पूर्णरूप से साकार किया जा सके। बेसिक शिक्षा के महत्व एवं फाउन्डेशनल लिटरेसी एवं न्यूमरेसी कार्यक्रम के संबंध में महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किये गये। विभागीय अधिकारियों एवं शिक्षकों को प्रेरित करने के उद्देश्य से मुख्य सचिव द्वारा परिषदीय विद्यालयों में उनके द्वारा ग्रहण की गयी शिक्षा एवं अपने प्रधानाध्यापक श्री मिश्री राम की भूमिका एवं योगदान की हृदय से सराहना करते हुए अपने अनुभव साझा किये गये।
परिषदीय प्राथमिक विद्यालय से लेकर आई०आई०टी० एवं एम०बी०ए० तक की सम्पूर्ण शिक्षा में मुख्य सचिव द्वारा अपने प्रधानाध्यापक मिश्री राम द्वारा दी गयी शिक्षा एवं संस्कारों को बार-बार याद किया तथा उनके प्रति हृदय से कृतज्ञता व्यक्त की तथा कार्यशाला में उपस्थित अध्यापकगणों को इससे प्रेरणा लेने की अपेक्षा की गयी।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, जनपद अमरोहा की पूर्व छात्रा कु० निधि के एस०डी०एम० पद पर चयन होने पर मुख्य सचिव द्वारा कार्यशाला में कु० निधि को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया तथा विद्यालय की अध्यापिकाओं के कार्य की सराहना की गयी। अन्य शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को इससे प्रेरणा लेने की अपेक्षा की गयी।
कार्यशाला के मुख्य वक्ता डा० आई०वी० सुब्बाराव द्वारा फाउन्डेशन लिटरेसी एवं न्यूमरेसी पर प्रस्तुतीकरण किया गया जिसमें उत्तर प्रदेश के अन्तर्गत 5 रणनीतियां साधन, साधना, समीक्षा, संवाद एवं सुधार अपनाने पर बल दिया गया। ’साधन’ के अन्तर्गत कक्षा-कक्षों को प्रभावी टीचिंग लर्निंग मेटीरियल से सुसज्जित किया जाय। ’साधना’ के अन्तर्गत शिक्षकों को नवीन पाठ्यक्रम एवं सामग्री का प्रभावी उपयोग करने हेतु सपोर्ट प्रदान किया जाय।
उन्होंने कहा कि ’समीक्षा‘ के अन्तर्गत फाउन्डेशन लिटरेसी एण्ड न्यूमरेसी के लर्निंग आउटकम्स के आंकलन हेतु सुव्यवस्थित प्रणाली अपनायी जाये। ‘संवाद’ के अन्तर्गत शिक्षकों एवं स्थानीय समुदाय से अनवरत संवाद स्थापित किया जाय ताकि कार्यक्रम पर फोकस बना रहे। ‘सुधार’ के अन्तर्गत कक्षा-कक्षों में निरन्तर सुधार के अनुश्रवण एवं समीक्षा की व बनायी जाये।
इससे पूर्व, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा श्रीमती कंचन वर्मा द्वारा कार्यशाला के मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए प्रदेश में संचालित शैक्षिक कार्यक्रमों के संबंध में अवगत कराया गया। इसके साथ ही कार्यशाला के मुख्य वक्ता डा० आई०वी० सुब्बाराव का परिचय देते हुए देश में शिक्षा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान से अवगत कराया।
उन्होंने बताया कि डॉ० आई०वी० सुब्बाराव सेवानिवृत्त वरिष्ठ आई०ए०एस० अधिकारी हैं
तथा महत्वपूर्ण विभागों में अपना अतुलनीय योगदान देने के साथ-साथ आन्ध्र प्रदेश सरकार में प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा तथा सचिव, मा० उपराष्ट्रपति के पद पर भी कार्य किया गया है। अपने कार्यकाल में शिक्षा की गुणवत्ता संवर्द्धन के संबंध में विभिन्न नवाचारी कार्यकमों का भी कियान्वयन किया गया है। इसके साथ ही यूनेस्को संस्था के साथ साक्षरता एवं अनौपचारिक शिक्षा के क्षेत्र में वरिष्ठ पद पर सुशोभित रहते हुये कार्य किया गया है। डॉ० आई०वी० सुब्बाराव द्वारा फ्लैगशिप कार्यक्रम-सर्व शिक्षा अभियान के लिये आयोजित प्रथम ज्वाइंट रिव्यू मिशन की अध्यक्षता भी की गयी है।
प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा डा० एम०के०एस० सुन्दरम ने कार्यशाला के उद्देश्य एवं रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए फाउन्डेशनल लिटरेसी एवं न्यूमरेसी कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित किया गया।
डा० सुब्बाराव के प्रस्तुतीकरण से कार्यशाला में उपस्थित शिक्षकों को बहुमूल्य एवं लाभप्रद मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। इसके लिए डा० आई०वी० सुब्बाराव के प्रति आभार व्यक्त किया गया