शुकर किये जा तू मालिक का शुकराना ही भक्ति है। लब पे शिकवे गिले को ना लाना ही भक्ति है ।

 

 

रिपोर्ट, राघवेंद्र शुक्ल,मो,8097181550

जगतपुर, रायबरेली

 

संत निरंकारी सत्संग भवन जगतपुर में रविवार को सत्संग की अध्यक्षता करते हुए महात्मा राजेश ने कहा प्रभु परमात्मा सर्वशक्तिमान है। समर्थवान है। सर्वज्ञ है। ऐसे निराकार पारब्रह्म का ज्ञान सद्गुरु से सहज में ही प्राप्त हो रहा है।

 

 

पुरातन समय बहुत दुर्लभ होती थी। कितने समय तक तपस्या करते थे। जंगलों में जाके समाधी लगते थे। तब भी ये ज्ञान नहीं मिल पाता था। सद्गुरु का लख लख शुकराना की कोई लियाकत नहीं थी। फिर भी ये ब्रह्म ज्ञान की कृपा के लोक सुखी और परलोक सुहेला कर दिया है।

 

 

 

जैसे जैसे हमारे जीवन में ज्ञान की समझ आती है। हमारे शिकवे गिले समाप्त हो जाते है। हम ईश्वर की रज़ा में रह पाते है। आगे कहते हैं।कैसी भी हो परिस्थिति एक सी हो मनोस्थिति जीवन में सुख दुख उतार चढ़ाव आते ही रहते हैं। लेकिन जब हम सत्संग से जुड़ जाते परमात्मा से जुड़े रहते हैं। तो हमारी मनोस्थिति एक जैसे बनी रहती है।

 

 

 

महात्मा बसन्त लाल जी ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि हमारे जीवन में साध संगत के प्रति निरंतरता बनी रहे। जो भी सद्गुरु के वचन आते हैं। हम सभी को अपने जीवन में धारण करना है। निष्काम भक्ति करते हुए जीवन का सफर बीत जाए यही प्रार्थना सभी के लिए किया। इस मौके पर राम प्रसाद यादव रामशंकर रामसुमेर हरकेश धनई बीवी सिंह राजकृष्ण सहित आदि लोग मौजूद रहे।

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Author: Bureau Report