संत निरंकारी सत्संग भवन जगतपुर में सत्संग कार्यक्रम का आयोजन
रिपोर्ट/ दीपक कुमार
जगतपुर रायबरेली – स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में सुबह के सत्संग कार्यक्रम का आयोजन हुआ। सत्संग की अध्यक्षता करते हुए बहन पूनम जी ने कहा, “परमपिता परमात्मा से नाता जो जुड़ जाता है, एक परिवार के जैसा सारा जहां नजर में आता है। एक नूर को सबके अंदर देखने सब लग जाते हैं, भाईचारे से रहने का मन में भाव बनाते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि संतों ने हमेशा सत्य के साथ सभी को जोड़ने का कार्य किया है। सत्य वही है जो तीनों काल में एकरस होता है, जो कल भी था, आज भी है, और कल भी रहेगा। ऐसा प्रभु परमात्मा अविनाशी है, और जब हमारा उससे नाता जुड़ जाता है, तभी हमारे मन की चंचलता दूर होती है और मन को स्थिरता प्राप्त होती है।
बहन जी ने यह भी कहा कि संसार में चाहे कितनी भी धन-संपत्ति कमा ली जाए, वह हमारे साथ नहीं जा सकती। लेकिन राम-नाम धन की कमाई हमारे जन्म-जन्मांतर तक काम आती है। यही धन शरीर रूपी बंधन से मुक्ति दिलाने वाला होता है। “कबिरा सब जग निर्धना, धनवंता न कोय, धनवंता सोई जानिये, राम-नाम धन होय।” संतों ने केवल उसी को धनवान कहा है जिसके पास राम-नाम रूपी धन है।
इस अवसर पर ब्रांच प्रबंधक ज्ञान प्रचारक महात्मा बसंत लाल, राम लखन, विवेक, रज्जन, दीपु , राज, सजन, बहन वंदना, उषा आदि समस्त साध संगत उपस्थित रही।