सद्गुरु की शरण में आने से मिलता है मनुष्य तन मिलने का उद्देश्य

सद्गुरु की शरण में आने से मिलता है मनुष्य तन मिलने का उद्देश्य

रिपोर्ट/दीपक कुमार 

जगतपुर रायबरेली – सन्त निरंकारी सत्संग भवन जगतपुर में रविवार को सत्संग कार्यक्रम आयोजित किया गया महात्मा राम कुमार वर्मा  ने कहा कि बड़े भाग मानुष तन पावा, सुर दुर्लभ सद् ग्रन्थहि गाव, साधन् धाम मोक्ष कर द्वारा ,पाई न जेहि परलोक संवारा। कह कि ये मानव जन्म बहुत ही भाग्य से मिलता है देवताओं के लिए भी यह मनुष्य जन्म दुर्लभ रहा है।

 

सतगुरु की शरण में जाने के बाद ही हमें इसके बड़भागी होने की समझ आती है। यह मानव जन्म मिला है। मोक्ष प्राप्ति के लिए सिर्फ मनुष्य योनि ही है जिसमें रहकर हम ईश्वर पारब्रह्म परमात्मा को जानकर इसकी भक्ति करते हुए अपना लोक सुखी और परलोक सुहेला कर सकते हैं क्योंकि यही एकमात्र ऐसा साधन है। जो हमें मोक्ष के द्वारा तक पहुंचाता है। सद्गुरु की शरण में जाने से सतगुरु इस प्रभु परमात्मा का ज्ञान दे करके हमारे मन को निर्मल बना देता है। हमारे मनो से ईष्या, वैर, नफरत, जलन वाले भावो को दूर कर के एक प्यार, नम्रता,मिलवर्तन और अपनत्व वाले भाव के साथ जीवन जीना सिखा देता है।

 

सतगुरु जीवन के उतार-चढ़ाव वाली स्थितियों से निकाल कर एक सहज अवस्था में रह कर जीवन जीना सिखा देता है। ब्रांच प्रबंधक ज्ञान प्रचारक महात्मा बसन्त लाल  ने सभी का सत्कार एवं धन्यवाद करते हुए कहा युग सुंदर सादियां सुंदर गर मानव जीवन हो सुन्दर जिसे आध्यात्मिक गुणों के साथ जीवन जीने से जहां हमारा जीवन सुंदर बनता है। जब हमारा जीवन सुन्दर बनेगा तभी एक सुंदर समाज भी बन पाएगा समाज के सुंदर होने से ही युग सुंदर होता है। वही हमारे जीवन में आज भी आनंद रहता है और कल भी आनंद रहेगा आगे कहा कि आज भी सुकून कल भी सुकून सतगुरु के ज्ञान से हर पल में सुकून। महापुरुषों ने भजन बोल 1 – प्रभु चैन की बजा दो बंसी रे कहीं बैर न रहे नफरत न रहे चहुं ओर हो शान्ती शान्ती रे कहीं बैर न रहे नफरत न रहे हैं। 2 -किस कारण दुनिया में आए हो तुम सोचो जरा भाई समझो जरा कंचन शी काया पाए हो तुम सोचो जरा भाई समझो जरा, 3-निंदा नफरत से बचाने सतगुरु जग में आया ,हर इंसा को अपनाने सतगुरु जग में आया इस मौके पर समस्त साध संगत मौजूद रहे।

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Author: Bureau Report