सन्त निरंकारी सत्संग भवन जगतपुर में सत्संग कार्यक्रम आयोजित
जगतपुर रायबरेली – सन्त निरंकारी सत्संग भवन, जगतपुर में सुबह सत्संग कार्यक्रम आयोजित हुआ। सत्संग की अध्यक्षता करते हुए बहन पूनम जी ने कहा, “ज्ञान लेकर यदि उसका उपयोग नहीं किया, तो उससे न लाभ मिलेगा न आनंद। केवल ज्ञान लेने से कुछ नहीं होता, कर्म के बिना जीवन को संवारना असंभव है।”
महापुरुषों ने सदैव यही संदेश दिया है कि ब्रह्मज्ञान को अपने जीवन में अमल करना आवश्यक है। सतगुरु ने ज्ञान देकर लोक और परलोक को सुहेला बनाने का मार्ग दिखाया है। यदि हम ज्ञान लेकर सिर्फ ज्ञानी बनते रहेंगे, तो आत्मा का कल्याण संभव नहीं होगा। ज्ञान लेकर हमें उसका आनंद लेना चाहिए और चंचल मन को स्थिर करना चाहिए। दुनिया के सभी सुखों का मूल स्रोत प्रभु परमात्मा का ज्ञान ही है। जिसने इस ज्ञान को अपने जीवन में आत्मसात कर लिया, उसका जीवन रोशन हो जाता है और वह दूसरों को भी सुकून, शांति और प्रकाश प्रदान करता है।
सतगुरु ने कभी ज्ञान लेकर केवल खुद को संवारने और सजाने की बात नहीं की, बल्कि भक्ति को आंतरिक अनुभव का विषय बताया है, न कि दिखावे का। आत्मा और परमात्मा के एकीकार का मार्ग ज्ञान के माध्यम से प्रशस्त होता है, और जब भक्त इस ज्ञान को अपने जीवन में ढाल लेते हैं, तो उनके वाणी, व्यवहार, आचरण और आदतों में इस ज्ञान की खुशबू फैलती है, जो दूसरों को शीतलता प्रदान करती है।
इस अवसर पर ब्रांच प्रबन्धक और ज्ञान प्रचारक महात्मा बसन्त लाल ने सभी का धन्यवाद किया। सत्संग में महात्मा राम लखन, राम संजीवन, बाबूलाल, जगन्नाथ, प्रीतम, बहन वंदना, ऊषा देवी, राधिका, और समस्त साध संगत उपस्थित रहे।
जगतपुर से दीपक कुमार की रिपोर्ट