सन्त निरंकारी सत्संग भवन, जगतपुर में सत्संग कार्यक्रम आयोजित
जगतपुर रायबरेली – सन्त निरंकारी सत्संग भवन, जगतपुर में सुबह सत्संग कार्यक्रम आयोजित हुआ। सत्संग की अध्यक्षता महात्मा श्री राम दुलारे जी ने की। उन्होंने कहा, “ज्ञान लेकर, यदि ज्ञान का उपयोग नहीं किया, तो न कोई लाभ मिलेगा और न ही आनंद प्राप्त होगा। केवल ज्ञान लेने से कोई बात नहीं बनेगी, बिना कर्म के जीवन संवारना संभव नहीं है।”
महापुरुषों ने सदैव यही संदेश दिया है कि ब्रह्मज्ञान को लेकर उसे अपने जीवन में अमल करना चाहिए। सतगुरु ने ज्ञान देकर लोक सुख और परलोक सुहेला करने का मार्ग दिखाया है। यदि ज्ञान लेकर केवल ज्ञानी बनने की कोशिश करेंगे, तो इससे आत्मा का कल्याण नहीं होगा। ज्ञान को लेकर, उस ज्ञान से आनंद प्राप्त करना चाहिए और चंचल मन को स्थिरता प्रदान करनी चाहिए।
संसार के सभी सुखों का स्रोत प्रभु परमात्मा का ज्ञान ही है। जिसने इस ज्ञान को अपने जीवन में उतार लिया, उसका जीवन प्रकाशमय हो जाता है, और वह दूसरों को भी शांति और सुकून प्रदान करने वाला बनता है। सतगुरु ने ज्ञान देकर आत्मा को परमात्मा से एकीकार कराया है। भक्तजन इस ज्ञान को अपने जीवन में ढालकर एकात्मकता की अवस्था प्राप्त करते हैं। फिर उनके वाणी, व्यवहार, आचरण और आदतों से ज्ञान की खुशबू आती है, जो दूसरों को शीतलता प्रदान करती है।
इस मौके पर ब्रांच प्रबंधक और ज्ञान प्रचारक महात्मा बसन्त लाल ने सभी का धन्यवाद किया। सत्संग में महात्मा राम लखन, राम संजीवन, बाबूलाल, जगन्नाथ, प्रीतम, बहन वंदना, ऊषा देवी और राधिका सहित समस्त साध संगत मौजूद रही।