समस्त संसाधन युक्त आकर्षण का केंद्र बना क्षेत्र का प्राथमिक विद्यालय गोझवा

समस्त संसाधन युक्त आकर्षण का केंद्र बना क्षेत्र का प्राथमिक विद्यालय गोझवा

रायबरेली – विकास क्षेत्र बछरावां के प्राथमिक विद्यालय गोझवा का सुंदर परिवेश शिक्षा की छटा बिखेर रहा है। स्कूल की दीवारों पर बनी सुंदर पेंटिग के साथ कक्षाओं का डेकोरेशन, गार्डेंन व शौचालय की साफ-सफाई इसे खास बनाए हैं। विद्यालय का नजारा इतना खूबसूरत है कि बच्चे यहां पढ़ने को प्रेरित हो रहे हैं।कहते है कि यदि कुछ करने का संकल्प और प्रतिज्ञा हो तो वह विषम परिस्थितियों में भी पूर्ण की जा सकती है और यह करके दिखाया है विद्यालय के प्रधानाध्यापक आशुतोष शुक्ल ने ।श्री शुक्ल ने अपने विद्यालय को भीतर और बाहर से पूर्णतया बदल दिया है अब उसरीली भूमि पर जहां कभी एक भी पेड़/पौधा था ही नही वहा अब हरियाली ही हरियाली नजर आ रहीं है। यह बदलाव गोझवा मनाखेड़ा गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय गोझवा में देखने को मिल रहा है। विद्यालय की उसरीली भूमि का प्रांगण अब सही मायने में हरे-भरे बाग जैसा ही लग रहा है। स्वच्छ, सुंदर, सुसज्जित स्कूल में वर्तमान में कक्षा पांचवीं तक बच्चे पूर्ण मनोयोग से शिक्षा ग्रहण कर रहें है।

काया कल्प योजना के उद्देश्य के अनुरूप कक्षा में उपयोगी अनमोल वचन लिखाकर विद्यार्थियों के सकारात्मक एवं स्वच्छ चिंतन में वृद्धि की जा रहीं है। इसके अलावा विद्यालय भवन के बरामदें एवम् कक्षा कक्षों में राज्य एवं राष्ट्र के मानचित्र, राष्ट्रगान, शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधान आदि के साथ-साथ नैतिक शिक्षा उन्मुख अनमोल वचन लिखवाकर विद्यार्थियों का मानसिक एवं चारित्रिक विकास किया जा रहा है। खेल मैदान को विकसित करके खेलने में अभिरुचि वृद्धि की जा रहीं है। विद्यार्थियों को धूम्रपान, नशीले पदार्थो के सेवन के दुष्प्रभावों संबंधी जानकारी देकर उनके आरोग्य में वृद्धि किया जा रहा है। साथ ही अध्यापक में आदर्श अध्यापक होने का स्वाभिमानी स्वभाव जागृत करते हुए विद्यालय की संपदा को राष्ट्रीय संपत्ति के रूप में संभाल कर रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।इन सबका शत प्रतिशत क्रियान्वयन इस विद्यालय में देखने को मिल रहा है।

स्कूल की दीवारों में पढ़ाई लिखाई व अन्य गतिविधियों की बनी पेंटिंग से वातावरण इतना बेहतर है कि हर कोई इसकी सराहना करता है। ग्राम प्रधान गया प्रसाद यादव राम सिंह हनुमान यादव शीतला प्रसाद मुन्नी देवी उर्मिला आदि दर्जनों गांव वाले स्वयं इस विद्यालय की खूबसूरती व शिक्षा के परिवेश को दूसरे स्कूलों से खास मानते हैं। इनका कहना है कि यह सरकारी स्कूल है मगर किसी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं है। शिक्षिका संगीता गौतम के साथ शिक्षामित्र पुष्पा मिश्रा बताती हैं कि इस सुंदर परिवेश का असर पढ़ने वाले बच्चों पर काफी पड़ा है। इससे प्रेरित होकर बच्चे नियमित स्कूल आते हैं और मन लगाकर पढ़ते हैं।विद्यालय के प्रधानाध्यापक आशुतोष शुक्ल ने बताया कि विद्यालय परिसर में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है। स्कूल परिसर को सुंदर बनाने में अभिभावकों का पूर्ण सहयोग रहता है। पूरे परिसर को बहुत सुंदर तरीके से सजाया गया है। बच्चों को प्रेरित करने के लिए देश के महान लोगों की फोटो भी लगाई गई है। एसएमसी सदस्य सुरेश कुमार बताते हैं, “‘इस स्कूल की वजह से हमारे गाँव की पहचान पूरे क्षेत्र में होती है। यह नाम और पहचान हमेशा बनी रहे इसके लिए हम लोग भी पूरे मन से जिम्मेदारी निभाते हैं और स्कूल को साफ सुथरा रखते हैं।” विद्यालय के प्रांगण में मिड डे मील के बाद बच्चे रस्सी कूद, बैडमिंटन और फुटबॉल खेलते हैं। खेलों के लिए जरूरी सामान मसलन- बैडमिंटन, फुटबॉल और वॉलीबाल विद्यालय में उपलब्ध है।

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Author: Bureau Report