सत्याग्रह के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे बापू : कर्ण सिंह राणा
समाजसेवी कर्ण ने गुजरात के साबरमती आश्रम पहुंचकर बापू की पुण्यतिथि पर दी सच्ची श्रद्धांजलि
हरदोई: हरदोई जनपद के युवा एवं प्रखर समाजसेवी तथा दृष्टि दोष विशेषज्ञ कर्ण सिंह राणा ने गुजरात के अहमदाबाद पहुँचकर महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर बापू की प्रतिमा को अटारी पहनाकर सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की.
श्री सिंह ने बापू के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बापू सत्याग्रह के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे. उन्होंने महात्मा गांधी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महात्मा गांधी जी के जीवन एक बड़ा हिस्सा साबरमती आश्रम में व्यतीत हुआ. उन्होंने कहा कि 1915 में गांधी जी द्वारा सत्याग्रह आश्रम की स्थापना अहमदाबाद के कोचरब नामक स्थान पर की गई थी. सन 1917 में यह आश्रम साबरमती नदी किनारे स्थानांतरित हुआ तब से यह साबरमती आश्रम कहलाने लगा.
श्री सिंह ने बताया कि महात्मा गांधी जी ने आश्रम में 1915 से 1933 तक निवास किया जब बापू साबरमती में रहते थे तो एक छोटी सी कुटिया में रहते थे जिसे आज भी ह्रदय-कुंज कहा जाता है।
श्री सिंह ने बताया कि साबरमती आश्रम के शिष्यों द्वारा ही महात्मा गांधी जी को बापू कहकर संबोधित किया गया था जोकि उनके लिए एक बड़ा सम्मान था.
समाजसेवी श्री सिंह ने ये भी बताया कि यहां बापू से जुड़ी कई चीजें उपस्थित हैं. उन्होने युवा पीढ़ी से कहा कि यदि आपको बापू के विषय मे अधिक से अधिक जानकारी हासिल करनी है तो निश्चित है साबरमती आश्रम में आपको हासिल हो सकेंगी, जिससे आने वाली पीढी बापू के इतिहास को और उनके व्यक्तित्व को बेहतर समझ सकेगी.
इस मौके पर हरदोई निवासी सचिन सिंह ‘बरसोहिया’, जयवर्धन सिंह, ज्ञानवर्धन सिंह आदि मौजूद रहे.