सन्त निरंकारी सत्संग भवन जगतपुर में बुधवार को सत्संग कार्यक्रम हुआ आयोजित
रिपोर्ट/ दीपक कुमार
जगतपुर रायबरेली – स्थित सन्त निरंकारी सत्संग भवन में बुधवार को सत्संग कार्यक्रम आयोजित किया गया। सत्संग की अध्यक्षता करते हुए महात्मा संजय सिंह जी ने कहा, “रिश्तों में जो रहे मधुरता तो मकान घर बन जाते हैं, प्यार समर्पण जहाँ है, वह घर कहलाते हैं। घर ‘हरदेव’ बने वह मंदिर जहाँ हरि का नाम रहे, वहीं सुख, आनंद और चैन रहता है।” सद्गुरु ब्रह्मज्ञान की दात देकर आत्मा को रोशन करने के साथ ही वे प्यार और समर्पण वाला जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मानव तन मिला है तो इसके साथ रिश्ते-नाते भी बने हैं। इन रिश्तों की कद्र हमारे जीवन में बनी रहे, ताकि हम एक-दूसरे का सम्मान और भावनाओं की कदर कर सकें। बेशक सभी के मन और विचारधाराएँ अलग-अलग हैं, लेकिन जब सभी गुरमत में जीवन जीते हैं, तो गुरमत वह रास्ता है जो सभी के मन में एक जैसी मत बना देता है। तब प्रभु परमात्मा का दीदार सभी जीवों में हो पाता है और कोई बेगाना या पराया नहीं लगता। फिर सिर्फ एक घर के सदस्य ही अपने नहीं रहते, बल्कि वासुदेव कुटुंबकम वाला भाव मन में बन जाता है, जिससे सारा संसार ही हमारा परिवार हो जाता है।
सभी के साथ हमें प्यार और नम्रता वाला व्यवहार रखना चाहिए। जिनके मन में प्रभु परमात्मा का आधार बन जाता है, उनके जीवन में खुशियाँ, आनंद और सुकून हमेशा रहते हैं, और वही दूसरों को भी सुकून देने वाले बनते हैं।
इस अवसर पर ब्रांच प्रबंधक एवं ज्ञान प्रचारक महात्मा बसन्त लाल ने सभी का धन्यवाद किया। सत्संग में महात्मा राम प्रसाद, प्रतिपल, सुग्रीव, शत्रुघ्न, श्याम लाल, हीरालाल, ताराचंद, कमल सहित बहनों में वंदना, मायादेवी, गंगा देवी, उषा देवी, विद्यापति और समस्त साध-संगत मौजूद रही।