सन्त निरंकारी सत्संग भवन जगतपुर में सत्संग कार्यक्रम आयोजित

सन्त निरंकारी सत्संग भवन जगतपुर में सत्संग कार्यक्रम आयोजित

रिपोर्ट दीपक कुमार 

जगतपुर रायबरेली – सन्त निरंकारी सत्संग भवन जगतपुर में आज सुबह सत्संग कार्यक्रम का आयोजन हुआ। सत्संग की अध्यक्षता करते हुए महात्मा श्री राम दुलारे जी ने कहा, “ज्ञान लेकर ज्ञान का जिसने उपयोग नहीं किया, उसे न कोई लाभ मिला, न आनंद। सिर्फ ज्ञान लेने से कुछ नहीं होता। बिना कर्म के जीवन कभी नहीं संवरता।” महापुरुषों ने हमेशा यही संदेश दिया है कि ब्रह्मज्ञान को लेकर इसे अपने जीवन में अमल करना है। सतगुरु ने ज्ञान देकर लोक सुखी और परलोक सुहेला करने का रास्ता दिखा दिया है। अगर ज्ञान लेकर केवल ज्ञानी बनना चाहेंगे, तो इससे आत्मा का कल्याण नहीं होगा। ज्ञान लेकर इस ज्ञान से आनंद लेना है, चंचल मन को स्थिरता देना है।

 

दुनिया के सारे सुखों का स्रोत प्रभु परमात्मा का ज्ञान है। जिसने इस ज्ञान को जीवन में उतार लिया, उसका जीवन रोशन हो जाता है और वह दूसरों को भी सुकून और शांति देने वाला बनता है। सतगुरु ने केवल ज्ञान न देकर खुद को संवारने और सजाने की बात कही है। भक्ति कोई दिखावा करने या साबित करने का विषय नहीं है, यह अंतःकरण का विषय है। ज्ञान देकर आत्मा को परमात्मा से एकाकार कराया जाता है। भक्त इस ज्ञान को जीवन में ढालकर एकत्व की अवस्था प्राप्त कर लेते हैं, और फिर उनके वाणी, व्यवहार, आचरण, आदतों से ज्ञान की खुशबू आती है, जो दूसरों को शीतलता प्रदान करती है।

 

इस मौके पर ब्रांच प्रबंधक एवं ज्ञान प्रचारक महात्मा बसन्त लाल ने सभी का धन्यवाद किया। सत्संग में महात्मा राम लखन, राम संजीवन, बाबूलाल, जगन्नाथ, प्रीतम, बहन वंदना, ऊषा देवी, राधिका एवं समस्त साध संगत उपस्थित रही।

 

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Author: Bureau Report