सन्त निरंकारी सत्संग भवन जगतपुर में सत्संग कार्यक्रम आयोजित

सन्त निरंकारी सत्संग भवन जगतपुर में सत्संग कार्यक्रम आयोजित

जितेंद्र कुमार के साथ दीपक कुमार की रिपोर्ट 

जगतपुर रायबरेली – रविवार को संत निरंकारी सत्संग भवन, जगतपुर में सत्संग कार्यक्रम आयोजित हुआ। सत्संग की अध्यक्षता महात्मा बसन्त सिंह जी ने की। उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “रिश्तों में मधुरता हो तो मकान घर बन जाते हैं। जहां प्यार और समर्पण है, वह घर कहलाता है। जिस घर में हरदेव का नाम हो, वह मंदिर बन जाता है, जहां सुख, आनंद और चैन का वास होता है।”

 

महात्मा बसन्त सिंह जी ने आगे कहा कि सद्गुरु ब्रह्मज्ञान की दात देकर आत्मा को रोशन करते हैं और हमें एक प्यार और समर्पण से भरा जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि मानव तन मिला है, तो इसके साथ जुड़े रिश्ते-नाते भी हमारे जीवन का हिस्सा हैं। हमें इन रिश्तों की कद्र करनी चाहिए ताकि हम एक-दूसरे का सम्मान कर सकें और भावनाओं की कद्र कर सकें।

 

सभी के विचार और मन अलग हो सकते हैं, लेकिन जब हम गुरमत के अनुसार जीवन जीते हैं, तो यही गुरमत हमें एक समान दृष्टिकोण प्रदान करता है। इसके बाद हम सभी जीवों में प्रभु परमात्मा का दर्शन कर पाते हैं। कोई भी व्यक्ति पराया या बेगाना नहीं लगता। फिर एक घर के सदस्य ही अपने नहीं रहते, बल्कि “वासुदेव कुटुंबकम” का भाव हमारे मन में स्थान बना लेता है।

 

महात्मा बसन्त सिंह जी ने यह भी कहा कि यह समस्त संसार ही हमारा परिवार है और हमें सभी के साथ प्यार और नम्रता से व्यवहार करना चाहिए। जिनके मन में परमात्मा का आधार बन जाता है, उनके जीवन में खुशियां, आनंद और सुकून बना रहता है और वे दूसरों को भी सुकून प्रदान करने वाले बन जाते हैं।

 

इस अवसर पर ब्रांच प्रबंधक और ज्ञान प्रचारक महात्मा बसन्त लाल जी ने सभी का धन्यवाद किया। सत्संग में महात्मा राम प्रसाद, प्रतिपल, सुग्रीव, शत्रुघ्न, श्याम लाल, हीरालाल, ताराचंद, कमल तथा बहनों में वंदना, मायादेवी, गंगा देवी, उषा देवी और विद्यापति सहित समस्त साध संगत उपस्थित रही।

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Author: Bureau Report