एनटीपीसी के विरुद्ध उपज रहा जनाक्रोश , तैयार हो रही बड़े आंदोलन की रूपरेखा
ऊंचाहार (रायबरेली) एनटीपीसी के उच्च प्रबंधन के लिए ऊंचाहार में आने वाले दिन बड़ी चुनौती भरे होंगे । स्थानीय प्रबंधन द्वारा कोरोना काल के दौरान अपनाए गए रवैए के विरुद्ध जनाक्रोश पनप रहा है , जो भविष्य में बड़े आंदोलन के रूप में सामने आयेगा ।
कोरोना लहर एक व लहर दो के दौरान आसपास के जनजीवन की मदद के लिए एनटीपीसी द्वारा अपनाया गया रवैया स्थानीय लोगो में क्रोध और नफरत को जन्म दे रहा है । ऊंचाहार सीएचसी की बदहाली और एनटीपीसी अस्पताल बाहरी लोगो के लिए पूरी तरह बंद करने को लेकर लोगों में खासा आक्रोश है । इस मसले पर ऊंचाहार व्यापार मंडल और कुछ सामाजिक संस्थाएं अब आरपार की लड़ाई के मूड में है । इन संगठनों का कहना है कि एनटीपीसी कोतवाली को सीधे बिजली देती है , लेकिन सीएचसी जैसे महत्वपूर्ण स्थल को बिजली क्यों नहीं दी जा रही है । ऊंचाहार के आसपास के क्षेत्रों में एनटीपीसी वातावरण में जहर घोल रही हैं, लेकिन यहां के लोगों के इलाज के लिए सरकारी अस्पताल को एक्सरे मसीन व अल्ट्रासाउंड मसीन तक एनटीपीसी नहीं सुलभ करा रही है । कोरोना काल में एनटीपीसी अपना आवासीय गेट बंद कर देती है , आसपास क्षेत्र के मरीजों को एनटीपीसी में नहीं देखा जाता है । इससे साफ जाहिर है कि एनटीपीसी केवल आसपास के लोगों की हवा में जहर घोल रही है , लेकिन उनका इलाज नहीं करवा रही है । व्यापार मंडल के अध्यक्ष धर्मेन्द्र मौर्य ने बताया कि मानव जीवन की रक्षा के लिए हम लोग बड़े आंदोलन को बाध्य है । एनटीपीसी द्वारा किसी भी प्रकार की मदद नहीं की जाती है , केवल कागज पर एनटीपीसी प्रबंधन झूठ का तमाशा करता है । जबकि एनटीपीसी के पास सामुदायिक विकास कार्यक्रमों के लिए पर्याप्त धन है । इसलिए संक्रमण का प्रभाव थमने के बाद पूरे ऊंचाहार क्षेत्र में एनटीपीसी के विरुद्ध बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा । जिसमे हर वर्ग , हर समूह के लोग शामिल होंगे।