मानव की कद्र करें दिल से, मानवता खिल उठे फिर से
रिपोर्ट/ दीपक कुमार
जगतपुर रायबरेली – सन्त निरंकारी सत्संग भवन, जगतपुर में सुबह का सत्संग कार्यक्रम आयोजित हुआ। सत्संग की अध्यक्षता करते हुए महात्मा अमर प्रताप सिंह जी ने कहा, “भक्त यही भगवान के आगे करता है अरदास सदा, तुझ पर ही विश्वास टिका हो रहे तेरा एहसास सदा। कृपा करो कि जुड़ी हमेशा तुझसे मन की तार रहे, कहे हरदेव सदा हे दाता तेरा ही आधार रहे।”
संत भगत अपने जीवन का आधार एक ईश्वर, प्रभु परमात्मा को मानकर जीवन जीते हैं। वे दुनियावी रंगों से प्रभावित नहीं होते, बल्कि भक्ति के रंग में रंगकर सांसारिक वस्तुओं का निर्लिप्त भाव से आनंद लेते हैं। वे परमात्मा से यही अरदास करते हैं कि मन की चंचलता में कहीं भटक न जाएं, और उनका विश्वास परमात्मा पर अडोल बना रहे।
जब परमात्मा का एहसास जीवन में बना रहता है, तो भक्ति सहज हो जाती है। जैसे ही यह भावना मन में स्थापित होती है कि “एक नूर की उपज है सारी, एक का शक्ल पसारा है,” तब हर एक मानव में प्रभु परमात्मा का नूर दिखाई देता है और सभी से प्रेम होता है। सन्त जन मानवता को निखारने का कार्य करते आए हैं, और आज भी मानवता से युक्त होकर जीवन जीने की प्रेरणा दी जा रही है।
इस मौके पर ब्रांच प्रबंधक ज्ञान प्रचारक महात्मा बसंत लाल, राम लखन, रज्जन, संजय कुमार श्रीवास्तव, पवन कुमार, हरिकेश, बसंत सिंह, रुपेश, बहन वंदना, ऊषा देवी, कर्मा वती, रजनी आदि साद संगत मौजूद रही।