सन्त निरंकारी सत्संग भवन जगतपुर में आध्यात्मिक सत्संग कार्यक्रम आयोजित
रिपोर्ट/ दीपक कुमार
जगतपुर रायबरेली – बुधवार को सन्त निरंकारी सत्संग भवन, जगतपुर में सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सत्संग की अध्यक्षता महात्मा हरिकेश जी ने की। उन्होंने अपने विचार रखते हुए कहा, “जिस मन में निरंकार बसा है, वह मन मंजिल पाएगा, और जिस मन में संसार बसता है, वह ठोकर खाएगा। किश्ती पानी में रहे तो किनारा मिलेगा, लेकिन किश्ती में पानी आ जाए तो खतरे का संकेत है। यदि जीवन नैया को भवसागर से पार करना है, तो संसार में रहते हुए मन में संसार को स्थान न दें। जैसे कमल जल में रहते हुए भी अछूता रहता है, वैसे ही हमें संसार में रहकर जीवन को सफल बनाना है।”
उन्होंने आगे कहा कि मानव जीवन को सफल बनाने के लिए परमात्मा निरंकार को अपने मन में बसाना आवश्यक है और उसी आधार पर जीवन का सफर तय करना चाहिए। समर्पण का जीवन जीना चाहिए—संसार में रहते हुए भी संसार का तलबगार नहीं बनना चाहिए। हमें यह सत्य जानना चाहिए कि संसार से एक दिन सभी को जाना है, फिर भी हम संसार के मोह में बंधे रहते हैं। निरंकारी सतगुरु हमें इसी वास्तविकता का साक्षात्कार कराते हुए हमारे निज स्वरूप की पहचान करा रहे हैं।
इस अवसर पर ब्रांच प्रबंधक और ज्ञान प्रचारक महात्मा बसन्त लाल जी ने सभी का धन्यवाद किया। सत्संग में महात्मा राम लखन जी, राम सुमेर जी, शीतला प्रसाद जी, कमल जी, बहन वंदना जी, ऊषा देवी जी, कर्मावती जी, सावित्री जी, निर्मला जी सहित अन्य साध संगत भी उपस्थित रहे।