सन्त निरंकारी सत्संग भवन, जगतपुर में आयोजित ओपन सत्संग कार्यक्रम
रिपोर्ट/दीपक कुमार
जगतपुर रायबरेली – रविवार को सन्त निरंकारी सत्संग भवन, जगतपुर में ओपन सत्संग कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कानपुर जोन से आए महात्मा श्री महेश जी ने की। उन्होंने सत्संग के दौरान कहा, “ज्ञान गुरु का ही मानव को प्रभु का घर दिखलाता है, ज्ञान गुरु का ही मानव को मुक्ति पथ पर लाता है। गुरु वाले उस रंग में रंगे जिसका रूप और रंग नहीं, गुरु वाले उस रंग को धारें जो रंग होता भंग नहीं।”
उन्होंने आगे कहा, “रंग जाते हैं ज्ञान गुरु के, हरि की सेवा करते हैं। हरि जन भी इस हरि की तरह न जन्मे न मरते हैं।” सदियों से यह परंपरा चली आ रही है कि प्रभु परमात्मा का ज्ञान सद्गुरु के माध्यम से ही संभव है। सद्गुरु ही माया और ब्रह्म को अलग कर प्रभु का साक्षात्कार कराते हैं।
सत्संग के दौरान यह संदेश दिया गया कि मानव जीवन को सफल बनाने के लिए सद्गुरु का होना अत्यंत आवश्यक है। सद्गुरु ही सही और गलत के मार्ग को स्पष्ट करते हुए, भ्रमों से निकालकर भक्ति का सही मार्ग सिखाते हैं। ईश्वर तो कण-कण में व्याप्त हैं, परंतु सतगुरु के बिना हम इसे पहचान नहीं पाते। जब सतगुरु हमारे जीवन में आते हैं, तो वे हमें इस अलख का एहसास कराते हैं, जिससे हमें परम आनंद की अनुभूति होती है।
सन्तों ने बताया कि जो व्यक्ति परमात्मा के रंग में रंग जाते हैं, उन पर संसार के किसी भी अन्य रंग का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। वे सेवा और परमार्थ के भाव से जीवन जीते हैं, और इसी तरह जीवन के परम लक्ष्य, अर्थात् परमधाम की प्राप्ति करते हैं।
इस अवसर पर ब्रांच प्रबंधक एवं ज्ञान प्रचारक महात्मा बसन्त लाल जी ने सभी का धन्यवाद किया। सत्संग में महात्मा श्याम लाल जी, जगन्नाथ जी, विपिन कुमार, राम स्वरूप, प्रीतम, दीपक, संजय सिंह, बसन्त सिंह, अंजनी कुमार, और बहनों में कमला, ऊषा, वन्दना, सीमा, सरिता, पूनम, प्रियंका सहित समस्त साध संगत और सेवादल के भाई-बहन उपस्थित रहे।